विश्व गठिया दिवस का हुआ आयोजन, गठिया के बारे में किया गया जागरूक

हरी शंकर शर्मा

कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध लाला लाजपत राय हॉस्पिटल के अस्थि रोग विभाग में विश्व गठिया दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ उप प्राचार्य डॉ रिचा गिरी, प्रमुख अधीक्षक डॉ आर के सिंह, विभागाध्यक्ष डॉ संजय कुमार, डॉ चंदन कुमार, डॉ फहीम अंसारी व मीडिया प्रभारी डॉ सीमा द्विवेदी ने ओपीडी में मरीज़ों को किट प्रदान करते हुए किया। डॉ रिचा गिरी ने गठिया के कारण के बारे में जानकारी दी साथ ही उन्होंने कहा कि अगर पैर के घुटने में दर्द होता है तो उसे नजंदाज़ न करे और तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करे। विभागाध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने बताया कि गठिया 3 प्रकार की होती है जिनका इलाज भी मरीज़ की स्थिति को देखते हुए अलग अलग तरीके से किया जाता है। 30 से 40 की उम्र पार करने के बाद यह बीमारी शुरू हो जाती है। उन्होंने बताया कि जिनका यूरिक एसिड बढ़ जाता है उनकी मासपेशियो के आस पास क्रिस्टल जमा होने लगते है जिसके कारण जॉइन्ट का दर्द शुरू हो जाता है और ये दर्द निवारक दवा लेने से भी नही जाता है। इसके साथ ही शराब पीने से कूल्हे सूख जाते है और सूख कर कमजोर पड़ जाते है, जिसके कारण उन्हें कूल्हे की समस्या शुरू हो जाती है। अभी तक जितने भी मरीज़ इन जटिल गठिया बीमारी से पीड़ित आये है उनका सफल ऑपरेशन किया गया औऱ आज वह अपने पैरों पर चल रहे है जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। इसी क्रम में प्रमुख अधीक्षक डॉ आर के सिंह ने उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि आज गठिया रोग एक आम बीमारी हो गई है यह मुख्ता चोट लगने के कारण इन्फेक्शन के कारण और जेनेटिक रूप से होती है। इसमें जोड़ों में दर्द नीचे के पैर में चलने में दिक्कत स्कूल है में दिक्कत और घुटनों में भी दिक्कत शुरू हो जाती है जो आगे चलकर भयानक रूप भी ले लेती है जिससे मरीज को चलने फिरने में बड़ी असमर्थता महसूस होती है। अगर ऐसी दशा होती है तो दर्द निवारक दवा ना लेकर तुरंत ही हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।

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