कानपुर के सीसामऊ सीट से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगजनी मामले में जमानत मंजूर कर ली है, लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई गई। इरफान सोलंकी जेल से भी बाहर नहीं आ पाएंगे। कोर्ट के फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि इरफान की विधायकी बहाल नहीं होगी और सीसामऊ में उपचुनाव होगा। मामले में यूपी सरकार ने भी हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। इसमें सरकार ने 7 साल की सजा को बढ़ाकर उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की थी। हाईकोर्ट के सीनियर वकील का कहना है- सरकार की अपील पर कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है।
इस पर कोर्ट आगे होगी। सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत 5 आरोपियों पर दोष सिद्ध होने के बाद सात जून सात साल की सजा सुनाई गई। एमपीएमएलए कोर्ट ने सपा विधायक सहित सभी आरोपियों को तलब किया है। शुक्रवार को सभी दोषियों को पुलिस कोर्ट लेकर पहुंची। जबकि इरफान सोलंकी को पुलिस ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही पेश किया। कोर्ट में लाते समय दोषी सपा विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी ने कहा कि इंसाफ होकर रहेगा, ये फर्जी मुकदमा है, हम बेगुनाही की काट रहे जेल, ऊपर वाला है। विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी और तीन अन्य साथियों को एमपी/ एमएलए कोर्ट ने सुनाई सजा और जुर्माना भी लगाया। सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में पुलिस लेकर रवाना हुई। कोर्ट में अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच बहस पूरी हुई। बचाव पक्ष ने दलील दी कि आरोपी इरफान समेत सभी दोषियों पर बहस पूरी। अभियोजन ने अधिक से अधिक सजा व जुर्माने की मांग की। शाम 5:30 से 6 बजे के बीच कोर्ट ने फैसला सुनाने का समय दिया है। अभियोजन की ओर से कहा गया कि दोषियों पर अधिक से अधिक जुर्माना लगाया जाए और जुर्माने की अधिकतम राशि पीड़िता को दी जाए।