मुख्य बिंदु :
  • जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में नई तकनीक से मस्से और तिल हटाना हुआ आसान
  • ईएसयू मशीन से बिना दर्द के होगी स्किन सर्जरी, इलाज पूरी तरह निःशुल्क
  • त्वचा रोग विशेषज्ञों का दावा – कैंसर रहित गांठों को हटाने में कारगर
  • मेडिकल कॉलेज प्राचार्य बोले – अब मरीजों को प्राइवेट अस्पताल जाने की जरूरत नहीं
  • जल्द ही स्किन ओपीडी में माइनर ओटी होगी स्थापित

कानपुर/नीरज बहल : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट अस्पताल में चर्म रोग विभाग ने अत्याधुनिक ईएसयू (इलेक्ट्रो सर्जिकल यूनिट) मशीन की शुरुआत कर दी है। इस मशीन से अब शरीर के किसी भी हिस्से में मस्से और तिल को आसानी से हटाया जा सकेगा। हर दिन लगभग 400 से अधिक मरीज स्किन की समस्याओं को लेकर ओपीडी में पहुंचते हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक होती है।

त्वचा रोग विशेषज्ञों की राय:
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. युगल राजपूत ने बताया कि मस्से और बड़े तिल का प्रमुख कारण शुगर, थायराइड, धूम्रपान और शराब का सेवन है, जिससे बिनायल ट्यूमर तेजी से बढ़ने लगता है। यह मशीन कैंसर रहित गांठों और हाथ-पैर की गांठों को भी सर्जरी कर हटाने में सक्षम है।

मेडिकल कॉलेज प्राचार्य का बयान:
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने कहा कि स्किन की छोटी-छोटी समस्याओं के लिए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा हैलट अस्पताल में मिलेगी। जल्द ही स्किन ओपीडी में माइनर ओटी भी स्थापित की जाएगी, जिससे और अधिक मरीजों को फायदा मिलेगा।

मशीन से होगा यह फायदा:
ईएसयू मशीन दो मोड में काम करती है – कटिंग मोड और कॉगलेशन मोड। यह तकनीक उम्र के अनुसार शरीर में बनने वाले बिनायल ट्यूमर को प्रभावी रूप से हटाने में मदद करेगी। प्राइवेट अस्पतालों में इस प्रक्रिया पर करीब 2000 रुपये तक खर्च आता है, लेकिन हैलट अस्पताल में यह पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध होगी।

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