मुख्य बिंदु :

  1. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने किया चमत्कारी ऑपरेशन!
  2. पेट से 10 किलो का ट्यूमर निकालकर बचाई मरीज की जान!
  3. डॉक्टरों की मेहनत और अत्याधुनिक उपकरणों ने रचा इतिहास!
  4. उत्तर प्रदेश में पहली बार इतने बड़े ट्यूमर का सफल ऑपरेशन!
  5. मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ, डॉक्टर्स की टीम को बधाई!


कानपुर/नमन अग्रवाल : उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने एक अनोखा और जटिल ऑपरेशन कर एक 50 वर्षीय मरीज की जान बचाई। डॉक्टरों की टीम ने 10 किलो के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकालकर चिकित्सा क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस ऐतिहासिक ऑपरेशन की सफलता पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने पूरी टीम के साथ एक प्रेसवार्ता का आयोजन कर विस्तृत जानकारी दी।

घटना का पूरा विवरण:

फतेहपुर निवासी 50 वर्षीय मरीज को पेट में बढ़ते ट्यूमर की शिकायत थी, जिसे पीएमएसएसवाई सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट सर्जन डॉ. अनिल जे. वैद्य के पास लाया गया। मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और सांस लेने में कठिनाई की समस्या हो रही थी। जांच में पता चला कि ट्यूमर 70% पेट में फैल चुका था और बांयी किडनी को ढक लिया था।

मरीज ने कई अस्पतालों में दिखाया, लेकिन किसी ने ऑपरेशन करने का जोखिम नहीं उठाया। अंततः जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की टीम ने यह चुनौती स्वीकार की और ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।


ऑपरेशन की जटिलताएं और सफलता:

डॉ. अनिल जे. वैद्य और गैस्ट्रो सर्जन डॉ. आर.के. जौहरी ने बताया कि ट्यूमर का आकार 38×33 सेंटीमीटर था और वह तीन फुटबॉल के बराबर था। यह ट्यूमर पैंक्रियास और खून की नलियों से भी चिपका हुआ था, जिससे खून का संचार बाधित हो रहा था।

डॉक्टरों ने ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिसमें तीन घंटे का समय लगा और 8 यूनिट खून चढ़ाया गया। मरीज की जान बचाने के लिए उच्च तकनीकी उपकरणों और सर्जरी तकनीक का उपयोग किया गया।


मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ:

प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि यह ऑपरेशन मेडिकल कॉलेज के लिए गर्व की बात है। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है और उसकी हालत स्थिर है।

डॉक्टरों की टीम को सरकार और मेडिकल संस्थान की ओर से बधाई दी गई है। इस सफलता ने उत्तर प्रदेश में मेडिकल सुविधाओं की उच्च गुणवत्ता को दर्शाया है।


यह ऑपरेशन चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने यह साबित कर दिया कि अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक और डॉक्टरों की विशेषज्ञता किसी भी जटिल ऑपरेशन को सफल बना सकती है। मरीज के परिवार ने डॉक्टर्स और मेडिकल कॉलेज का आभार व्यक्त किया।

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