मुख्य बिंदु :

➡ गर्मी का मौसम शुरू, डायबिटीज मरीज रहें सावधान!
➡ टिनिया: एक संक्रामक फंगल संक्रमण, जानिए बचाव के उपाय
➡ त्वचा पर लाल चकत्ते और खुजली? सावधान रहें, यह टिनिया हो सकता है!
➡ बिना डॉक्टर की सलाह के न लें दवाएं, स्टेरॉयड से बचें!
➡ संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें, संक्रमित कपड़ों का न करें उपयोग
➡ स्किन विशेषज्ञ की सलाह – टिनिया का उपचार समय पर कराएं!


कानपुर/नीरज बहल : गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और इसके साथ ही कई त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों को इस मौसम में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। गर्मी में शरीर पर लाल रंग के चकत्ते, खुजली, नाखूनों का मोटा होकर टूटना, यहां तक कि सिर पर संक्रमण होने पर बाल झड़ने जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।


टिनिया: एक संक्रामक फंगल संक्रमण-

विशेषज्ञों के अनुसार यह संक्रमण टिनिया कहलाता है, जिसे रिंगवर्म भी कहा जाता है। यह शरीर पर छल्ले के आकार के लाल धब्बे उत्पन्न करता है। यह संक्रमण शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिकतर पैर, कमर, नाखून, शरीर और खोपड़ी पर होता है।


विशेषज्ञ की राय:

चर्म रोग विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. डी. पी. शिवहरे के अनुसार, वर्तमान में 500 की ओपीडी में से 40% मरीज टिनिया के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का समय पर उपचार कराना बेहद आवश्यक है ताकि यह शरीर के अन्य भागों में न फैल सके।


स्वयं दवा लेना हो सकता है खतरनाक :

विशेषज्ञों ने स्वयं मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर खाने से मना किया है, विशेषकर स्टेरॉयड का उपयोग नहीं करने की सलाह दी है। यदि परिवार में कोई व्यक्ति टिनिया से ग्रसित है, तो उसे साफ कपड़े पहनने चाहिए और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए।

डायबिटीज मरीजों के लिए विशेष चेतावनी :

डायबिटीज के मरीजों को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। पहले यह बीमारी 15-20 दिनों में ठीक हो जाती थी, लेकिन अब इसके उपचार में 3 माह तक का समय लग सकता है।


टिनिया के प्रकार:

  1. टिनिया वर्सिकलर – त्वचा की ऊपरी परत का संक्रमण, जिसमें पपड़ीदार और बदरंग चकत्ते बन जाते हैं।
  2. एथलीट फुट (टिनिया पेडिस) – यह आमतौर पर पैरों और उंगलियों के बीच होता है।
  3. जॉक खुजली (टिनिया क्रूरिस) – यह कमर और जांघों के पास होता है।
  4. स्कैल्प दाद (टिनिया कैपिटिस) – यह अत्यधिक संक्रामक है, लेकिन वयस्कों में कम पाया जाता है।
  5. नाखून संक्रमण (टिनिया यूंगियम) – यह पैरों के नाखूनों और कभी-कभी हाथों के नाखूनों को प्रभावित करता है।

टिनिया का इलाज और बचाव:

एंटीफंगल क्रीम, शैंपू या मौखिक दवा का उपयोग करें। त्वचा को हमेशा सूखा रखें। व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, जूते और तौलिया साझा न करें। पैर की उंगलियों के बीच सफाई और सुखाने का विशेष ध्यान दें। सार्वजनिक स्थानों पर फ्लिप-फ्लॉप या सैंडल पहनें। गर्म और उमस भरे स्थानों में अधिक सावधानी बरतें। संक्रमण बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

डॉ. डी. पी. शिवहरे की सलाह:

गर्मी के मौसम में त्वचा संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। यदि किसी को खुजली, लाल धब्बे या अन्य त्वचा संक्रमण के लक्षण दिखें, तो बिना देर किए विशेषज्ञ की सलाह लें।


गर्मियों में त्वचा संक्रमण से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता, साफ-सुथरे कपड़े पहनना, संक्रमित व्यक्ति से दूरी रखना, और समय पर इलाज कराना बेहद जरूरी है। खासतौर पर डायबिटीज मरीजों को इस संक्रमण से ज्यादा खतरा होता है, इसलिए उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। संक्रमण के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बिना विशेषज्ञ की सलाह के कोई भी दवा न लें।

 

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