हाइलाइट्स :


कानपुर/मोहित पाण्डेय : देश की सबसे वीआईपी और हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को कानपुर और प्रयागराज के बीच अनोखे कारण से रोकना पड़ा। सोमवार को दिल्ली से वाराणसी जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस कानपुर सेंट्रल से प्रयागराज के लिए रवाना हुई थी। लेकिन कुछ ही दूरी तय करने के बाद शांति नगर क्रॉसिंग के पास ट्रेन चालक ने ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर (ओएचई) में कुछ फंसा हुआ देखा। सावधानी बरतते हुए चालक ने तुरंत ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी और कंट्रोल रूम को सूचना दी।

रेलवे अधिकारियों को जब हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन के रुकने की खबर मिली, तो अफरा-तफरी मच गई। स्टेशन अधीक्षक अवधेश द्विवेदी और इलेक्ट्रिक स्टाफ मौके पर पहुंचे। जांच करने पर पता चला कि ओएचई तार में एक लाल रंग का लहंगा फंसा हुआ था, जो संभवतः हवा में उड़कर वहां आ गया था। अधिकारियों ने तुरंत ओएचई लाइन की सप्लाई चेक की और लहंगे को हटाने के बाद ट्रेन को रवाना किया। यह पूरी प्रक्रिया लगभग 20 मिनट तक चली।

रेलवे प्रशासन का कहना है कि घटना से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन हाईस्पीड ट्रेनों के लिए इस तरह की घटनाएं खतरे की घंटी साबित हो सकती हैं। रेलवे ने यात्रियों को सतर्क रहने और रेलवे ट्रैक के पास किसी भी संदिग्ध वस्तु की सूचना देने की अपील की है।

वंदे भारत एक्सप्रेस: देश की प्रीमियम ट्रेन

वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की सबसे आधुनिक और तेज़ ट्रेनों में से एक है। यह ट्रेन हाईस्पीड और अत्याधुनिक सुविधाओं के कारण यात्रियों के बीच लोकप्रिय हो रही है।

इस घटना से रेलवे को क्या सबक मिला?

  1. रेलवे ट्रैक और ओएचई की नियमित निगरानी आवश्यक है।
  2. ट्रेनों के संचालन में सतर्कता रखना अनिवार्य है।
  3. यात्रियों और स्थानीय लोगों को रेलवे ट्रैक के आसपास अनावश्यक वस्तुएँ नहीं फेंकने की सलाह दी जानी चाहिए।

क्या कहता है रेलवे प्रशासन?

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वंदे भारत जैसी हाईस्पीड ट्रेन के लिए यह एक सुरक्षा चुनौती हो सकती थी। हालांकि, सतर्क चालक की वजह से बड़ा हादसा टल गया।

यात्रियों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद यात्रियों में हलचल मच गई। कुछ यात्रियों ने ट्रेन रुकने का कारण जानने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली, तो कुछ ने रेलवे प्रशासन की तत्परता की सराहना की।

रेलवे की अपील

रेलवे प्रशासन ने आम जनता से अनुरोध किया है कि वे रेलवे ट्रैक के पास कोई वस्तु न फेंकें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत रेलवे अधिकारियों को दें।

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