हाइलाइट्स :
- चिकित्सा शिक्षा सचिव अर्पणा ने किया हैलट अस्पताल का निरीक्षण
- मरीजों से ली अस्पताल की सुविधाओं की जानकारी
- बर्न वार्ड का निर्माण जल्द पूरा करने के निर्देश
- कार्डियोलॉजी अस्पताल को 200 बेड का किया जाएगा
- निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर होगी सख्त कार्रवाई
कानपुर/नीरज बहल : चिकित्सा शिक्षा सचिव अर्पणा ने मंगलवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मरीजों से मिलकर अस्पताल में मिल रही चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने अस्पताल प्राचार्य और फैकल्टी के साथ बैठक की।
बजट और उपकरणों पर चर्चा:
चिकित्सा शिक्षा सचिव अर्पणा ने प्राचार्य प्रो. डॉ. संजय काला से अस्पताल के बजट के बारे में जानकारी ली। डॉ. काला ने बताया कि अस्पताल को 3 से 4 करोड़ रुपये का बजट प्राप्त हुआ है, साथ ही 10 करोड़ रुपये के मेजर उपकरणों के लिए भी शासन से मंजूरी मिल चुकी है। अस्पताल में 5 पोर्टेबल आईसीयू उपलब्ध हैं, जिससे गंभीर मरीजों को बेहतर देखभाल मिल रही है।
बर्न वार्ड और कार्डियोलॉजी में होगा सुधार:
निरीक्षण के दौरान सचिव अर्पणा ने 2019 से निर्माणाधीन बर्न वार्ड की प्रगति का जायजा लिया और कहा कि जल्द से जल्द इसकी कमियों को दूर कर निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा।
कार्डियोलॉजी अस्पताल के निरीक्षण के दौरान निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने जानकारी दी कि अस्पताल में 3 नई कैथ लैब्स बनाई जा रही हैं, जो इसी वर्ष पूरी तरह से तैयार हो जाएंगी। इसके साथ ही कार्डियोलॉजी विभाग को 200 बेड का अस्पताल बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है।
कैंसर अस्पताल में मिलीं खामियां, दिए सुधार के निर्देश:
इसके बाद सचिव अर्पणा कैंसर अस्पताल पहुंचीं, जहां उन्होंने कई खामियां पाईं। उन्होंने निदेशक को निर्देश दिया कि कैंसर मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं क्योंकि यह एक गंभीर और असाध्य बीमारी है।
शोध और पीजी सीटों की बढ़ोतरी पर जोर:
निरीक्षण के दौरान सचिव ने शोध कार्यों (रिसर्च) को बढ़ावा देने पर जोर दिया ताकि चिकित्सा के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल की जा सकें। उन्होंने पीजी सीटों की बढ़ोतरी को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।
निजी अस्पतालों से बढ़ा सरकारी अस्पतालों का रुझान:
सचिव अर्पणा ने कहा कि हैलट अस्पताल में प्रतिदिन 1000 मरीजों की ओपीडी हो रही है, जो यह दर्शाता है कि लोगों का झुकाव अब निजी अस्पतालों से हटकर सरकारी अस्पतालों की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार किए जा रहे हैं।
निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर होगी सख्त कार्रवाई:
पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर सचिव अर्पणा ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा एक समिति बनाई गई है, जो निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की जांच करेगी। प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि 5 डॉक्टरों की सूची शासन को भेजी गई है, जो निजी प्रैक्टिस में लिप्त पाए गए हैं। इन पर जल्द ही शासन की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान मौजूद अधिकारी:
निरीक्षण के दौरान उप प्राचार्या डॉ. रिचा गिरी, प्रमुख अधीक्षक डॉ. आर.के. सिंह, कार्डियोलॉजी निदेशक डॉ. राकेश वर्मा, आईसीयू प्रभारी डॉ. ओमेश्वर पांडेय, कैंपस प्रभारी डॉ. अनुराग रजौरिया, डॉ. चयनिका काला, आर्थोपेडिक्स विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार, डॉ. बी.पी. प्रियदर्शी, डॉ. प्रेमशंकर सहित अन्य वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य मौजूद रहे।