– महिला सेंट पॉल कैथ्रेडल सर्वाइकल फाइब्रॉयड से थी पीड़ित
– डॉ रेनू गुप्ता व उनकी टीम से जटिल आपरेशन कर मरीज की बचाई जान


कानपुर/नीरज बहल : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज लगातार अपने अनुभव से नया आयाम लिख रहा हैं । स्त्री व प्रसूति रोग विभाग के विशेषज्ञों ने 3 ग्राम हीमोग्लोबिन व 12.15 सेंटीमीटर रसौली के साथ भर्ती हुई मरीज की जान बचा कर उसे एक नई जिन्दगी दी। महिला मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ्य है और उसे डिस्चर्ज किया जा रहा है।

अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा बच्चा हैलट की विभागध्यक्ष डॉ रेनू गुप्ता ने बताया कि चकेरी निवासिनी मरीज सावित्री (50) पत्नी लालमन डॉक्टर रेनू गुप्ता की इमरजेंसी में अत्यंत गंभीर अवस्था में भर्ती की गई। जब मरीज अस्पताल में भर्ती हुई तब उसका 3 ग्राम हीमोग्लोबिन था और उसे बहुत अधिक खून का रिसाव हो रहा था। साथ ही थायराइड भी बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ था।

जांचों के उपरांत पता चला कि मरीज को बहुत बड़ी रसौली है जोकि लगभग 12.15 सेंटीमीटर है। क्योंकि मरीज का हीमोग्लोबिन बहुत कम था तो पहले उसे चार बोतल खून बाहर चढ़ाए गए थे और पांच बोतल खून जच्चा बच्चा अस्पताल में चढ़ाए गए। उसके बाद मरीज सावित्री का ऑपरेशन किया गया।

डॉ रेनू गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन बहुत ही जटिल था। उनमें एक रेयर प्रकार का सर्वाइकल फाइब्रॉयड था, जिसे सेंट पॉल कैथ्रेडल सर्वाइकल फाइब्रॉयड कहते हैं। जिसकी सर्जरी सफलतापूर्ण कर ली गई। इस सर्जरी को करने में विभागध्यक्ष डॉ रेनू गुप्ता, डॉ गरिमा गुप्ता, डॉ पाविका लाल एवं जूनियर रेजिडेंट्स की टीम रही।

जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक होने के बाद अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है एवं उसे अब डिस्चार्ज किया जा रहा है। इस सफल ऑपरेशन में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने पूरी टीम की सराहना करी ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *