हाइलाइट्स:
- आईएमए सीजीपी कानपुर सब फैकल्टी के दूसरे दिन 7 व्याख्यान आयोजित
- डॉ विशाल सिंह ने ऑपरेशन ट्रॉमा और रेडियोलॉजी पर दी प्रस्तुति
- डॉ निमेश देसाई ने डिप्रेशन के इलाज की आधुनिक विधियों पर रखे विचार
- मेल इनफर्टिलिटी पर डॉ हरियॉन श्रीधरन का अहम व्याख्यान
- एआरडीएस डायग्नोसिस और मैनेजमेंट पर डॉ सुशील पी का सत्र
- लीवर फेलियर और ट्रांसप्लांट पर दो विस्तृत सत्र, विशेषज्ञों ने रखे विचार
- ऑटोइम्यून इनसैफलाइटिस पर डॉ वर्षा अंबानी का प्रभावशाली व्याख्यान
कानपुर/नीरज बहल : आईएमए सीजीपी (IMACGP) कानपुर सब फैकल्टी के तत्वावधान में चल रहे 42वें रिफ्रेशर कोर्स 2025 के द्वितीय दिन चिकित्सा जगत की जानी-मानी हस्तियों ने अपने-अपने क्षेत्र में अहम और अद्यतन विषयों पर 7 व्याख्यान प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का आगाज़ प्रथम सत्र से हुआ, जिसमें डॉ विशाल सिंह ने डॉ आरके शुक्ला ऑपरेशन ट्रॉमा एंड रेडियोलॉजी विषय पर बेहतरीन व्याख्यान दिया। इस सत्र के प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ विशाल सिंह स्वयं रहे। उन्होंने आपातकालीन स्थितियों में ट्रॉमा प्रबंधन और रेडियोलॉजिकल जांच की भूमिका पर प्रकाश डाला।
दूसरे सत्र में आईएचबीएएस, नई दिल्ली से आए डॉ निमेश जी देसाई ने ‘Why and How to Treat Depression Effectively’ विषय पर प्रस्तुति दी। इस सत्र के डायरेक्टर डॉ गणेश शंकर रहे। डॉ देसाई ने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और डिप्रेशन की आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को रेखांकित किया। इस सत्र की चेयरपर्सन डॉ धनंजय चौधरी और डॉ मधुकर कटियार रहे।
तीसरे सत्र में डॉ हरियॉन श्रीधरन ने ‘Role of ART in Male Infertility with Reference to Erectile Dysfunction’ विषय पर विस्तार से जानकारी दी। डायरेक्टर डॉ रीता मित्तल रहीं। उन्होंने पुरुषों में प्रजनन क्षमता और आधुनिक प्रजनन तकनीकों की भूमिका पर चर्चा की।
चौथे सत्र में डॉ सुशील पी (अंवेश पारस अस्पताल) ने ‘ARDS: Recent Advancements in Diagnosis and Management’ विषय पर व्याख्यान दिया। इस सत्र के डायरेक्टर डॉ मनोज अग्नि रहे। डॉ सुशील ने ARDS की समय पर पहचान, नई तकनीकों और इलाज की विधियों पर प्रकाश डाला।
पांचवे सत्र में डॉ असीष मिश्रा (लखनऊ) ने लीवर फेलियर पर व्याख्यान देते हुए Current Status of Management and When Should a Transplant Get Involved विषय पर प्रतिभागियों को जानकारी दी। डायरेक्टर डॉ पीयूष मिश्रा रहे।
छठवें सत्र में डॉ शिवेन्द्र वर्मा (एसजीपीजीआई लखनऊ) ने भी इसी विषय पर अपना विस्तृत अनुभव साझा किया। इस सत्र का संचालन डॉ नंदिनी रस्तोगी ने किया। दोनों सत्रों में लिवर फेलियर के प्रबंधन, ट्रांसप्लांट की जरूरत और चुनौतियों पर अहम जानकारियां दी गईं।
सातवें एवं अंतिम सत्र में डॉ वर्षा अंबानी (जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज) ने ‘Approach to a Case of Autoimmune Encephalitis’ विषय पर अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस सत्र की डायरेक्टर डॉ बी पी राठौड़ रहीं।
पूरे दिन चले इन सत्रों के दौरान आईएमए सचिव डॉ विकास मिश्रा, सहायक निदेशक डॉ शालिनी मोहन, सहायक सचिव डॉ एस के गौतम, वित्त सचिव डॉ गणेश शंकर, वैज्ञानिक सचिव डॉ कुणाल सहाय, डॉ अनीता गौतम (प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर) और डॉ गौरव मिश्रा (मीडिया प्रभारी) समेत तमाम वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद रहे।
सभी सत्रों में चिकित्सकों ने न सिर्फ ज्ञानवर्धन किया बल्कि इंटरएक्टिव सेशन के माध्यम से प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया।