भारत में 13.7 प्रतिशत लोग मानसिक विकारो से पीड़ित – डॉ धनंज्जय चौधरी
नीरज बहल संवाददाता
कानपुर। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व मानसिक दिवस का आयोजन किया गया। विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ (डब्लू एफ एम एच) द्वारा 1990 के दशक से मानसिक रोगों के प्रति जागरुकता बढ़ाने और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य संसाधनी और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 10 अक्तूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन करता चला आ रहा है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ द्वारा इस वर्ष की थीम कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना रही है।
जी एस वी एम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग द्वारा मानसिक रोगों के प्रति जागरुकता हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। जिसमें कॉलेज ऑफ नर्सिंग के छात्र एवं छात्राओं द्वारा लघु नाट्य का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के दौरान मेडिकल छात्र एवं छात्राओं को मानसिक बीमारियों के लक्षणों और उसके निवारण के बारे में मेडिकल कालेज के लेक्चर हाल में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शिखा सिंह द्वारा जानकारी प्रदान दी गई। कार्यक्रम का निर्देशन आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ धनंजय चौधरी एवं असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ आयुषी सिंह द्वारा किया गया। मानसिक विकारों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अस्पताल परिसर में जगह-जगह बैनर्स पोस्टर लगा कर मानसिक रोगो से सम्बंधित जानकारी प्रदान की गयी। इस अवसर पर बाल रोग विभाग के वरि0 डॉ यशवंत राव, डॉ अमितेश यादव, जूनियर रेजिडेंट डॉ सचेत खिलवानी, डॉ पवन कुमार और डॉ वैष्णवी द्विवेदी उपस्थित रहे।
भारत की लगभग 13.7 प्रतिशत लोग मानसिक विकारों से पीड़ित
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2015-16) के अनुसार, भारत की लगभग 13.7 प्रतिशत की जनसंख्या विभिन्न प्रकार के मानसिक विकारों से पीड़ित है। इनमें से 10.6 प्रतिशत लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। शहरी क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य विकारों का प्रचलन ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। मानसिक रूप से स्वस्थ कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए यहां कुछ प्रभावी कदम दिए गए।
वर्क लाइफ बैलेंस को बढ़ावा दें। काम करने की जगह एवं जीवन शैली में संतुलन बनाए रखे जैसे कार्यस्थल पर छोटे छोटे पांच मिनट के ब्रेक लें, सौहार्दपूर्ण कार्य वातावरण बनाएं, मानसिक समस्याओं के बारे में खुली बातचीत करे जिससे एक ऐसा वातावरण तैयार करें जहां कर्मचारी बिना किसी डर के मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा करने में सहज महसूस करें, 3. शारीरिक गतिविधियों, फिजिकल एक्टिविटी को प्रोत्साहित करें व यदि किसी व्यक्ति को मानसिक समस्या होती है तो उसे मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन (टेलीमैंस – 14416 या 1800-89-14416) या ऑनलाइन संसाधनों के बारे में जानकारी प्रदान करें।