मोहित पाण्डेय
कानपुर। लगातार बढ़ती महंगाई ने जहा आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। लेकिन इसका असर विजयदशमी पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ पर भी महंगाई की मार पड़ गई है, पिछले वर्ष की तुलना में इनके पुतलों को कीमतों में 30 फीसद तक बढ़ोतरी हो गई है। कानपुर के कारोबारियों का कहना है कि बांस, रस्सी और कागज तार महंगा होने से पुतलों की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। नवरात्र के नौ दिन समाप्त होते ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों में दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है। इसे देखते हुए शहर के कई क्षेत्रों में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों की बिक्री भी शुरू हो गई है। बांस, कागज के दाम बढ़ने के साथ ही मजदूरी में भी बढ़ोतरी हुई है, इसके चलते ही कीमतें बढ़ गई है। पिछले वर्ष तक 40 फीट का जो पुतला 30 हजार में तैयार हो जाता था,इस वर्ष उसकी कीमत लगभग करीब 40 हजार तक पहुंच गई है। महंगाई के कारण रावण के छोटे पुतलों के रेट भी बढ़ गए हैं,ये पुतले बच्चों के हिसाब से छोटे आकार के होते हैं और शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बिक्री के लिए जाते हैं। महंगाई होने की वजह से इनकी ऊंचाई पर भी असर देखने को मिला कुछ कारीगर तो ऐसे हैं की 2 महीना पहले से पुतला बनाने के लिए गांव से शहर आ जाते हैं।
शहर की जीटी रोड स्थित कारीगर पुतला बनाने वाली महिला कृष्णा ने बताया कि पिछले साल से इस बार महंगाई का असर देखने को मिला है,रेट बढ़ जाने के कारण लोग आते हैं और रेट सुनकर आगे बढ़ जाते हैं, छोटे-छोटे पुतलों की कीमत पहले 500 से 1000, के बीच मे थी,अब इस बार रेट बढ़ गए हैं। रेट बढ़ने के कारण बिक्री भी काम हो गई है,,
बातचीत में कारोबारी आलोक ने बताया कि महंगाई का असर पुतलों के दाम पर तो पड़ा है। लागत बढ़ने के साथ ही मजदूरी भी महंगी हुई है।