मुख्य बिंदु:
- पीड़ित परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग।
- बहुजन मुक्ति पार्टी और भारत मुक्ति मोर्चा का कड़ा विरोध।
- कानपुर में ज़िला अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन।
- भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप।
- योगी सरकार से इस्तीफे की मांग।
- कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल।
- आंदोलन की चेतावनी।
कानपुर/नमन अग्रवाल : अयोध्या में अनुसूचित जाति की नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के खिलाफ बहुजन मुक्ति पार्टी और भारत मुक्ति मोर्चा ने कड़ा विरोध जताया। इस घटना की निंदा करते हुए दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कानपुर में ज़िला अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा और न्याय की मांग की।
ज्ञापन में पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने, दोषियों को फांसी की सजा दिलाने और प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई।
भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप:
बहुजन मुक्ति पार्टी के ज़िला अध्यक्ष छेदी खोटे ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद से अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार और अपराध बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है, जिससे दलित समाज के लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
योगी सरकार से इस्तीफे की मांग:
छेदी खोटे ने कहा कि यदि योगी सरकार अनुसूचित समाज की रक्षा करने में विफल रही है, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी घटनाएं नहीं रुकीं, तो बहुजन समाज सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल:
उन्होंने सवाल किया कि आखिर कब तक दलित समाज की बेटियां ऐसी दरिंदगी का शिकार होती रहेंगी? प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और सरकार अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने में नाकाम साबित हो रही है।
आंदोलन की चेतावनी:
बहुजन मुक्ति पार्टी और भारत मुक्ति मोर्चा ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला और दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा नहीं दी गई, तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जाएगा।इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों के लोग मौजूद रहे।