हाइलाइट्स :

  • डीजीपी प्रशांत कुमार पहुंचे कानपुर, कानून-व्यवस्था पर की चर्चा!
  • कमिश्नरेट प्रणाली के 4 वर्ष: अपराध नियंत्रण में आई तेजी!
  • डिजिटल पुलिसिंग और आधुनिक तकनीकों से अपराधियों पर शिकंजा!
  • मिशन शक्ति और जन संवाद से जनता-पुलिस के संबंध मजबूत!
  • समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कानपुर पुलिस की सराहना की!

कानपुर/नमन अग्रवाल : उत्तर प्रदेश सरकार के 8 वर्ष और कानपुर कमिश्नरेट प्रणाली के 4 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डीजीपी प्रशांत कुमार कानपुर पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के साथ मंच साझा किया और कानपुर कमिश्नरेट प्रणाली की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के दौरान डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि बीते चार वर्षों में कानपुर में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में कमिश्नरेट प्रणाली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अपराध नियंत्रण, त्वरित न्याय, डिजिटल पुलिसिंग और स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में हुए सुधारों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए पुलिस को अधिक स्वतंत्रता दी गई है, जिससे अपराध रोकने में तेजी आई है। डिजिटल पुलिसिंग, सीसीटीवी सर्विलांस, ड्रोन निगरानी और इमरजेंसी रिस्पॉंस सिस्टम जैसी सुविधाओं से अपराधियों की धरपकड़ में सहायता मिली है।

डीजीपी ने बताया कि जनता और पुलिस के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए ‘जन संवाद’ और ‘सिटीजन पुलिसिंग’ जैसी पहलें शुरू की गई हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति अभियान को और प्रभावी बनाया गया है, जिससे महिला अपराधों में कमी आई है।

समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कानपुर पुलिस की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों से लैस पुलिस बल अपराध रोकथाम में अधिक सक्षम हुआ है।

पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया कि बीते चार वर्षों में संगठित अपराध, साइबर क्राइम और नशे के कारोबार पर कड़ी कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि त्वरित रिस्पॉन्स और बेहतर समन्वय से कानपुर में अपराध दर में गिरावट आई है।

डीजीपी ने भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि कानपुर पुलिस आने वाले समय में अपराध नियंत्रण के लिए और अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे पुलिस का सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।

कार्यक्रम के अंत में पुलिस अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने कानपुर कमिश्नरेट प्रणाली की सराहना की और इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

 

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