मुख्य बिंदु : 

  • महिला दिवस पर ब्लॉक कल्याणपुर में जागरूकता सेमिनार का आयोजन! 
  • महिलाओं को मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा, 108 एम्बुलेंस से स्वास्थ्य लाभ लें – सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी 
  • कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से बचाव के उपायों पर अच्यूतम फाउंडेशन की डायरेक्टर पूर्णिमा गौतम का संबोधन 
  • महिलाओं, अपनी शक्ति को पहचानो! – ब्लॉक प्रमुख अनुराधा अवस्थी का प्रेरणादायक संदेश 
  • आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए किया प्रेरित 
  • महिला सशक्तिकरण की ओर एक और कदम, स्वास्थ्य विभाग और अच्यूतम फाउंडेशन ने किया सफल आयोजन!

कानपुर/नीरज बहल : महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर ब्लॉक कल्याणपुर के परिसर में महिला दिवस के अवसर पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। यह आयोजन स्वास्थ्य विभाग एवं अच्यूतम फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से किया गया, जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य एवं उनके अधिकारों पर महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं।

कार्यक्रम का शुभारंभ:
सेमिनार का शुभारंभ मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख श्रीमती अनुराधा अवस्थी और विशिष्ट अतिथि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त नेमी ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में अतिथियों ने महिलाओं के अधिकारों और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं पर जोर दिया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी का संबोधन:
डॉ. हरिदत्त नेमी ने महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार द्वारा निःशुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि गर्भवती महिलाओं को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होती है, तो वे 108 एम्बुलेंस सेवा का उपयोग कर अस्पताल आ-जा सकती हैं।

कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से बचाव पर चर्चा:
अच्यूतम फाउंडेशन की डायरेक्टर पूर्णिमा गौतम ने कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले लैंगिक उत्पीड़न से बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में भी जागरूक किया और बताया कि वे किस प्रकार अपने कार्यस्थल पर सुरक्षित रह सकती हैं।

मुख्य अतिथि अनुराधा अवस्थी का प्रेरणादायक संबोधन:
मुख्य अतिथि अनुराधा अवस्थी ने महिलाओं से आह्वान किया कि वे अपनी शक्ति को पहचानें और आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं के सशक्तिकरण में काफी प्रगति हुई है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए शिक्षा और जागरूकता को सबसे बड़ा हथियार बताया।

महिला स्वास्थ्य एवं जागरूकता पर विशेषज्ञों की राय:
इस कार्यक्रम में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कई विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किए। प्रमुख वक्ताओं में डॉ. लीना, निखिल चतुर्वेदी, सुरुचि तिवारी, सौम्या श्रीवास्तव, प्रियंका पाल और रचना मिश्रा शामिल थीं। उन्होंने महिलाओं को स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दीं और बताया कि संतुलित आहार एवं नियमित स्वास्थ्य जांच से वे स्वस्थ रह सकती हैं।

मंच संचालन एवं अध्यक्षता:
इस कार्यक्रम का मंच संचालन के.के. त्रिपाठी द्वारा किया गया और अध्यक्षता चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश यादव ने की।

आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भागीदारी:
इस सेमिनार में बड़ी संख्या में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी उपस्थित थीं, जिन्होंने महिलाओं को स्वास्थ्य योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि सरकारी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

महिला दिवस पर स्वास्थ्य और सुरक्षा का संकल्प:
सेमिनार के समापन पर सभी उपस्थित लोगों ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया। सभी ने यह भी कहा कि वे समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगे।महिला दिवस के अवसर पर आयोजित यह सेमिनार महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में महिलाओं की स्थिति को और मजबूत करने में सहायक सिद्ध होते हैं।

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