उत्तर प्रदेश के शहरों में जहरीली गैस बढ़ती जा रही है। सूक्ष्म और धूल कणों के साथ अब कार्बन मोनो आक्साइड की मौजूदगी बेहद खतरनाक हो गई है। कई इलाकों में इसकी मौजूदगी का अधिकतम स्तर 100 माइक्रोग्राम पर मीटर से भी अधिक हो गया है। जबकि इसे 4.0 एमपीएम से अधिक नहीं होना चाहिए। दिवाली के करीब 15 दिन पहले से पश्चिम यूपी लगातार सबसे प्रदूषित बना हुआ है। कई इलाकों में कार्बन मोनो आक्साइड की औसत मौजूदगी 94 और अधिकतम 144 रही। अधिकतम स्तर की बात करें तो यह प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मानकों के 36 गुना अधिक है। गाजियाबाद के वसुंधरा में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 448 दर्ज किया गया है। वहीं मेरठ में एक्यूआई 310 रिकॉर्ड हुआ जो खतरनाक श्रेणी में है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार रविवार को सुबह लखनऊ के तालकटोरा क्षेत्र में एक्यूआई 320 दर्ज किया गया। वहीं केंद्रीय विद्यालय क्षेत्र में 298 और लालबाघ में 358 एक्यूआई दर्ज किया गया। मेरठ के गंगानगर में सुबह 246, जयभीमनगर में 328 और पल्लवपुरम में 350 एक्यूआई रहा। गाजियाबाद के संजय नगर में 351 एक्यूआई दर्ज किया गया। जबकि इंदिरापुरम में 347, लोनी में 435 और वसुंधरा में 448 एक्यूआई रहा। मुरादाबाद के कांशीरामनगर में 182 और ट्रांसपोर्टनगर में 130 एक्यूआई रहा। जबकि गोरखपुर के एमएमएमयूटी क्षेत्र में 217 एक्यूआई रहा। कानपुर के कल्याणपुर में 314 और नेहरूनगर में 298 एक्यूआई रहा।
दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 1 में 317, लॉजिक्स इंफोटेक पार्क में 341 और नॉलेज पार्क 3 में 403 एक्यूआई दर्ज हुआ। वाराणसी के अदर्ली बाजार में 93, भेलूपुर में 65 और मल्दहिया में 89 एक्यूआई रहा। प्रयागराज, बरेली और आगरा में वायु प्रदूषण की स्थिति भी बिगड़ रही है। प्रयागराज के नगर निगम क्षेत्र में सुबह 86 और झूंसी क्षेत्र में 87 एक्यूआई दर्ज किया गया। वहीं आगरा के रोहता में 93, संजय पैलेस में 101, मनोहरपुर में 82, शास्त्रीपुरम में 95 और आवास विकास कॉलोनी में 121 एक्यूआई दर्ज किया गया। बरेली के राजेन्द्र नगर में 73 एक्यूआई दर्ज किया गया है।