निशांक चौधरी को अद्वितीय उपलब्धियों और सामाजिक योगदान के लिए आईसीओएनजीओ यूनाइटेड नेशन द्वारा कर्मवीर चक्र से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उनके संघर्षों और उपलब्धियों को मान्यता देता है जो उन्होंने अपने जीवन मे हासिल की है। हालांकि, इन दिनों निशांक पूरे भारत का नाम दुनिया भर में रोशन करने के साथ ही दूसरे नौजवानों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए हैं।
ज़िला संभल के एक छोटे से गांव आलिया कल्याणपुर के किसान परिवार से संबंधित विजय वीर सिंह के बेटे निशांक चौधरी ने अपनी मेहनत की बदौलत आईसीओएनजीओ यूनाइटेड नेशन की तरफ से कर्मवीर चक्र हासिल करके पूरे इलाके का सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया है। निशांक चौधरी को यह सम्मान उनके सामाजिक योगदान और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय कार्यों के रूप में उनकी उपलब्धियों के लिए दिया गया है। निशांक ने इतनी छोटी उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करके यह सिद्ध कर दिया है की मेहनत के आगे उम्र कोई मायने नहीं रखती।
किसान परिवार से संबंध रखने वाले निशांक चौधरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और ग्रामीण विकास में मास्टर की डिग्री हासिल की है। निशांक ने वर्षों से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आदिवासी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत रहते हुए विशेष रूप से पीवीटीजी (Particularly Vulnerable Tribal Groups) समुदाय के उत्थान पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने इन इलाकों में महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित करते हुए आजीविका सशक्तिकरण की दिशा में कई अभूतपूर्व कदम उठाए और करीब 1.25 लाख महिलाओं को सशक्त बनाया।
निशांक चौधरी ने ग्रामीण विकास मंत्रालय – भारत सरकार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ मिलकर काम करते हुए सरकारी योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने “अंतरराष्ट्रीय मिलेट (श्री अन्न) वर्ष” जैसे राष्ट्रीय अभियान में भी सक्रिय भूमिका निभाई, जिसे नीति आयोग ने सराहा। इतना ही नही, इसके साथ ही उन्होंने सरकारी योजनाओं को समुदाय तक पहुंचाने में और स्थानीय संस्थाओं को इन योजनाओं में भागीदार बनाने में भी अहम भूमिका निभाई है।
निशांक ने विभिन्न राज्यों में कार्य करते हुए अब तक 1.25 लाख से अधिक महिलाओं की आजीविका को कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों में सशक्त बनाया है। उनका यह प्रयास न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है बल्कि उनके परिवारों और समुदायों के लिए आत्मनिर्भरता की नई राह भी खोल रहा है। वहीं कर्मवीर चक्र पुरुस्कार से सम्मानित निशांक चौधरी अब उन महान हस्तियों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं जिसमे डॉ. वर्गीज़ कुरियन, प्रो. एमएस स्वामीनाथन और शिक्षा क्षेत्र के अग्रणी मार्क पार्किसन जैसे नाम शामिल हैं।